THE GLOBAL FOOD PROBLEM

भोजन मानव की परम् आवश्यकता है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते । पिछले कुछ सौ सालों में औद्योगिक क्रांति और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के फलस्वरूप जनसंख्या में यकायक वृद्धि हुई है जो निरंतर जारी है, इसी कारण आज वैश्विक स्तर पर भोजन की समस्या पैदा हो गई है ।
वैश्विक खाद्यान्न समस्या के अंतर्गत पृथ्वी की आबादी के लिये खाद्यान्न प्रावधानों की कमी शामिल की जाती है तथा वैश्विक खाद्यान्न प्रणाली को उत्पादन, प्रसंस्करण और दुनिया भर में भोजन के वितरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा भोजन और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार के व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 2400 से 2500 कैलोरी की आवश्यता होती है । जब यह मात्रा 1800 कैलोरी से कम प्राप्त होती है तो कुपोषण में वृद्धि होती है जबकि 1000 के नीचे भुखमरी की स्थति पैदा हो जाती है ।

“Death by starvation is slow and painful”―Mary Austin

विश्व में तीसरे विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भुखमरी के कारण मृत्य की गर्त में समा रहा है, सबसे दयनीय स्थति अफ्रीका की है जहाँ प्रति मिनट 12 व्यक्ति भूख से मर रहे हैं ।


• विश्व की लगभग 100 करोड़ जनसंख्या भुखमरी और कुपोषण से जूझ रही है वहीं 160 करोड़ जनसंख्या आवश्यकता से अधिक भोजन करने के कारण बीमारियों से पीड़ित है ।
• विश्व में भोजन उत्पादन के लिए भूमि की कमी नहीं है । सरलता से 1400 से 3300 करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न का उत्पादन किया जा सकता है वहीं दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्रों से होने वाले प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरकता नष्ट होती जा रही है तथा प्रति वर्ष भूमि का एक बड़ा भाग मरुस्थल और बीहड़ में तब्दील होता जा रहा है ।

“There are people in the world so hungry that God cannot appear to them except in the form of bread”―Mahatma Gandhi

Causes


• भोजन की बर्बादी खाद्यान्न संकट का एक महत्वपूर्ण कारण है एक अनुमान के मुताबिख प्रति वर्ष उत्पादित भोजन का लगभग एक तिहाई (130cr. Tonnes) बर्बाद हो जाता है जिसमे 30% मोटा अनाज, 40-50% फल, अनाज व सब्जियाँ, 20% तेलीय फसलें (सरसों, सोयाबीन इत्यादि) तथा 35% मांस शामिल है जिसका मोटे तौर पर कुल मूल्य 31000cr.अमेरिकी डॉलर होता है ।
• वैश्विक खाद्यान्न नीति रिपोर्ट (GFPR) के अनुसार खाद्यान्न उत्पादन का एक बहुत बड़ा भाग छोटे भूमिहार किसानों के द्वारा उत्पादित किया जाता है जिनके पास 2.5 हेक्टेयर से कम भूमि उपलब्ध है । दुर्भाग्यवश ऐसे किसान भूख से जूझ रही आधी आबादी के अंतर्गत आते हैं, इसका सबसे प्रमुख कारण― उनकी सीमित पहुँच, सरकारी सहयोग का आभाव है तथा बड़े किसानों और उद्योगपतियों द्वारा उसका शोषण है ।
• उपभोक्ता तथा किसान की बाजार तक पहुँच में कमी, खाद्यान्न समस्या का एक महत्वपूर्ण कारण है । बाजारों की तरलता में कमी से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है । आर्थिक तंगी के कारण अधिकांश भोजन उनकी पहुँच से दूर हो जाता है ।
• भोजन से संबंधित जैविक ईंधन जैसे मक्का, ताड़ का तेल, गन्ना और सोयाबीन के उत्पादन में वृद्धि के फलस्वरूप भोज्य योग्य महत्वपूर्ण फसल जैसे गेहूं, चावल, सब्ज़ियों इत्यादि के उत्पादन में कमी हो रही है जिस कारण यह संकट तेजी से बढ़ रहा है । एक अनुमान के अनुसार 2050 तक विश्व ऊर्जा की कुल आवश्यकता 10% इसी प्रकार से पूर्ण की जाएगी, अतः भविष्य में खाद्यान्न संकट बढ़ने की संभावना बढ़ गई है ।


Conclusion


“Starvation is not an accident. Like slavery and apartheid, it is man-made and can be removed by the actions of human beings.”―Nelson Mandela

यह एक कटु सत्य है कि अन्य वैश्विक समस्याओं की भाँति वैश्विक खाद्यान्न संकट भी मानव जनित ही है । व्यक्तिवाद और पूंजीवाद ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है ।

“Why should there be hunger and deprivation in any land, in any city, at any table, when man has the resources and the scientific know-how to provide all mankind with the basic necessities of life? There is no deficit in human resources. The deficit is in human will.”―Martin Luther King

लेखक का मत― “औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ अति स्वार्थी दृष्टिकोण में भी वृद्धि हुई जिसके अनेक दुष्परिणामों में से एक भोजन संकट भी है । दुर्बल राजनैतिक इच्छाशक्ति के कारण यह समस्या समाधान से दूर संकट का रूप लेती जा रही है जो मानव विनाश का कारण भी बन सकती है अतः उचित नीति, इच्छा शक्ति और तकनीकी सुधारों के द्वारा सम्पूर्ण विश्व को एक साथ मिलकर कर इस समस्या से लड़ने की आवश्यता है ।”

Comments

  1. Very informative my dear friend

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  2. What About WHO and national NGO working there ??? What they are doing???

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  3. * Truly it's a Global problem..
    * Every Country should have to Come on one plateform to reduce this Global problem...
    * Shashank Bhai Apki advices are truly Rational + Acceptable...
    * Thanks you so much for raising Such type of Problems on Social platform..
    * We really proud on you...
    * Really Appreciative mission....

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  4. very appropriate brother nyc research

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