पृथ्वी हमारे सौरमंडल का अंग है । सौरमंडल आकाशगंगा 'मंदाकिनी' (milky way) की मध्यवर्ती घूर्णनशील भुजा का एक अंश है । हमारी मंदाकिनी की तीन घूर्णनशील भुजाओं में असंख्य तारे और सौर परिवार हैं । मंदाकिनी सदृश कई आकाशगंगायें मिलकर आकाशगंगा का पुंज (supercluster of galaxies) बनाती हैं । आकाशगंगा के सभी पुंजों को सम्मिलित रूप से ब्रह्मांड (universe) कहते हैं । Expansion Of The Universe अमेरिकी खगोलविद् Edwin Powell Hubble ने बताया कि आकाशगंगाओं के बीच की दूरी बढ़ रही है । जैसे-जैसे आकाशगंगाओं के बीच की दूरी बढ़ रही है वैसे-वैसे इनके दूर जाने की गति तेज होती जा रही है । इसकी तुलना हम एक फूलते गुब्बारे से कर सकते हैं । अगर हम इस गुब्बारे पर कुछ छोटे-छोटे बिंदु बना दें तो जैसे-जैसे गुब्बारा फूलता जाएगा वैसे-वैसे ये बिंदु भी एक दूसरे से दूर होते जाएंगे । अब अगर इन बिंदुओं को मंदाकिनी मान लें तो गुब्बारे यानी ब्रह्मांड के प्रसरण के साथ-साथ मंदाकिनियों के बीच की दूरी भी बढ़ती जाएगी । सभी आकाशगंगायें पृथ्वी से दूर जा रही हैं । विश्व का प्रसार हो रहा है । इस प्रकार यदि हम
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